हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित है, हरिद्वार भारत में हिन्दू धर्म के पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता है । इसे धर्मनगरी का नाम दिया गया है यह मंदिरों और आश्रमों का शहर है । हरिद्वार एक तरफ पहाड़ों से घिरा है एक तरफ से मैदानी क्षेत्र प्रारम्भ हो जाता है यही से गंगा नदी का प्रवेश मैदानी क्षेत्र में होता है । यहाँ हर बारह वर्ष पर महाकुम्भ और छह वर्ष पर अर्धकुम्भ का मेला लगता है जो इसे और महत्वपूर्ण शहर बना देता है । हरिद्वार उत्तराखंड का एक औद्योगिक केंद्र भी है लेकिन यह प्रसिद्ध धर्मनगरी के रूप में ही है । यहाँ हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग आते है, भारतीय लोगों के लिए यहाँ जगह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बड़ी संख्या में लोग यहाँ के मंदिरों, देवी-देवताओं के दर्शन करने और गंगा में डुबकी लगाने आते है, वहीँ विदेशी पर्यटकों के लिए यहाँ जगह हिन्दू धर्म जानने और समझने के लिए एक आकर्षण का केंद्र है ।
हरिद्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान है वहा के मंदिर और गंगा का किनारा ‘हर की पौड़ी‘ हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध घाट है जहा हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा मैं डुबकी लगाते है । यहाँ कई मंदिर है जो दर्शनीय है लेकिन कुछ मंदिर ऐसे है जिनका हिन्दू धर्मग्रंथों और पुराणों में विशेष महत्वा दिया गया है इसमें सबसे पहले स्थान पर कनखल (दक्ष प्रजापति ) पुराणों में इस स्थान के बारे में यह मान्यता है की यही देवी सत्ती ने अग्निकुंड में प्रवेश किया था , इस मंदिर में आज भी उस कुंड का स्थान बना हुआ है इस मदिर के पास से गंगा नदी की एक धारा भी बहती है ।
चंडी देवी मंदिर
चंडी देवी मंदिर भी यहाँ का एक प्रसिद्ध मंदिर है इसके बारे में मान्यता है की देवी दुर्गा ने यही चण्ड- मुंड नामक राक्षसों का वध किया था, यह मंदिर हरिद्वार के नील पर्वत पर स्थित है । चूँकि यह मंदिर पहाड़ पर स्थित है इसलिए यहाँ जाने के लिए रोप-वे की सुविधा है । पैदल यात्रा पसंद करने वाले लोगों के लिए सड़क भी बनी हुई है । पैदल यात्रा करने वालों के लिए इस पहाड़ी पर जंगली जानवरों का थोड़ा खतरा रहता है ।
मनसा देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर भी यहाँ का एक प्रसिद्ध मंदिर है यहाँ दर्शनार्थी अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए आते है इसीलिए इस मंदिर का नाम मनसा देवी रखा गया । इस मंदिर तक जाने के लिए भी रोप-वे की सुविधा है क्योंकि यह भी पहाड़ी पर स्थित है , इस मंदिर के प्रांगण में एक पेड़ है जहा दर्शनार्थी मंदिर में दर्शन करने के बाद इस पेड़ पर अपनी मनोकामना का एक धागा बांधते और ऐसा कहा जाता है की जब वो मनोकामना पूर्ण हो जाती है तब दुबारा आ कर उस पेड़ से एक धागा खोलना होता है इसी विश्वास में यहाँ हर समय लाखों की संख्या में लोग आते है ।
मायादेवी मंदिर
इस मंदिर को शक्ति पीठ में गिना जाता है , यहाँ हरिद्वार की अधिष्टात्री देवी है इन्ही के नाम से हरिद्वार को मायापुरी नाम दिया गया है हरिद्वार को धार्मिक ग्रंथों में इसी नाम से सम्बोधित किया गया है । हरिद्वार के निवासियों के बीच में इस मदिर का सबसे ज्यादा महत्वा है । निरंजनी अखाड़े का हनुमान मंदिर हरिद्वार का एक प्रसिद्ध मंदिर इस मंदिर का उल्लेख बहुत काम जगह होता है लेकिन हरिद्वार लोग माया देवी मंदिर और हनुमान मंदिर में नियमित रूप से दर्शन करने जाते है ।
सप्तऋषि आश्र्रम
हरिद्वार का सबसे मनोरम दृश्य वाली जगह है सप्तऋषि आश्र्रम यहाँ गंगा जी सात धाराओं में बहती है ऐसा कहा जाता है की सप्तऋषियों ने यही अपनी तपस्या की थी और उनकी तपस्या में बाधा न पड़े इसलिए गंगा जी यहाँ सात धाराओं में बहने लगी, यहाँ से बहुत ही सुन्दर और शांत दृश्य देखने को मिलता है ।
इन मंदिरों और स्थान के अलावा और भी कई मंदिर है जो हरिद्वार में देखने लायक है जिनमे भारत माता मंदिर, वैष्णोव माता मंदिर , बिल्वकेश्वर मंदिर, पारद मंदिर इत्यादि है ।
मंदिर के अलावा हरिद्वार में शांतिकुंज (गायत्री परिवार ) संस्था भी है जो देवी गायत्री की पूजा करते है , यह संस्था पुरे विश्व में प्रसिद्ध है यहाँ भी घूमने की बहुत सारी जगह है । हरिद्वार में बाबा रामदेव का पंतजलि योगपीठ भी है जो बहादराबाद में स्थित है , यहाँ आयुर्वेदिक दवाओं और योग के माध्यम से रोगियों का इलाज किया जाता है ।
Comments are closed.