सर्वलोकस्य जननी देवी त्वं पापनाशिनी | आवाहयामि यमुने त्वं श्रीकृष्ण भामिनी ||

यमुनोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले बड़कोट तहसील में स्थित है | यह स्थान यमुना नदी का उद्गम स्थल है | यमुना नदी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्वा है, पुराणों के अनुसार यमुना सूर्य की पुत्री और यमदेव, शनिदेव तथा मनु की बहन है| श्रीकृष्ण की आठ पटरानियों में यमुना के नाम का भी उल्लेख आता है | यमुनोत्री मंदिर से यमुना नदी के उद्गम स्थल की दूरी 1 किमी है जो की थोड़ी ऊंचाई पर स्थित है वहा का रास्ता दुर्गम इसीलिए मंदिर का निर्माण थोड़ा निचे किया गया | ऐसी मान्यता है की आज जहाँ यमुनोत्री मंदिर स्थित है वहां असित मुनि का निवास स्थान था इन्होने कई वर्षों तक यमुना की आराधना की जिसे प्रसन्न होकर धरती पर यमुना का नदी के रूप में आगमन हुआ, यमुना का उद्गम स्थल चंपासर ग्लेशियर है ये हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है जिस पहाड़ी पर ये ग्लेशियर स्थित है उसे कालिंद पर्वत भी कहते है इसीलिए यमुना का एक नाम कालिंदी भी है |

यमुनोत्री धाम के दर्शनीय स्थल

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार यमुनोत्री में जो स्नान कर लेता वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है , यही आस्था यहाँ हर साल लाखों श्रधालुओं को यहाँ लेकर आती है| यमुनोत्री उत्तराखंड में चारो धाम यात्रा का पहला पड़ाव है | इस मंदिर का निर्माण गढ़वाल नरेश प्रताप शाह ने कराया था , वर्तमान में जो मंदिर का ढांचा स्थित है उसका निर्माण जयपुर की महारानी गुलेरिया ने 19 वीं सदी में कराया था है मंदिर का निर्माण पहाड़ी शैली में किया गया है | यमुनोत्री की यात्रा दर्शनार्थी ऋषिकेश या हरिद्वार से शुरू करते है यात्रा के लिए बस की अच्छी सुविधा मिलती है बहुत सारे लोग अपनी गाड़ियों से भी जाते है |

यमुनोत्रीsource: Wikimedia Commons

हनुमान चट्टी से आगे गाड़ियाँ नहीं जाती है यह गाड़ियों का आखरी स्टॉप है इसकी दूरी ऋषिकेश 200 किमी है | हनुमान चट्टी से आगे का रास्ता पैदल चलने वाला है यहाँ से मंदिर की दूरी 14 किमी इतनी दूरी के रस्ते में ही नारद चट्टी, फूल चट्टी और सबसे आखिर में जानकी चट्टी पड़ता है यात्री रात को यही विश्राम करते है यहाँ से मंदिर की दूरी 5 किमी है | यमुनोत्री मंदिर के अलावा यहाँ का सबसे मुख्य आकर्षण है यहाँ का सूर्य कुण्ड इस कुण्ड का जल 90 डिग्री से. तक गरम रहता है यह कुण्ड मंदिर से लगभग 20 फिट की दूरी पर स्थित है इस कुण्ड पास ही गौरी कुण्ड है जिसमें ठंडा जल रहता है इस कुण्ड में सूर्यकुंड का जल मिलता रहता है , गौरी कुण्ड में ही यात्री स्नान करते है | ऐसी मान्यता है की यमुना के उद्गम स्थल के पास सप्त ऋषि कुण्ड है लेकिन यहाँ पहुँचाना चुकी दुर्गम है इसीलिए यहाँ कोई जाता नहीं |

यमुनोत्री मंदिर समुद्रतल से 3235 मी. की ऊंचाई पर स्थित है इसीलिए यहाँ के तापमान का अनुमान लगाया जा सकता है यहाँ गर्मियों के मौसम में दिन का तापमान सामान्य और रात में 6 डिग्री से. तक पहुँच जाता है वहीँ नवम्बर से लेकर मार्च तक यह पूरा स्थान बर्फ से ढका रहता है | दिल्ली से यमुनोत्री की दूरी 425 किमी है वहीँ हरिद्वार से 255 किमी और ऋषिकेश से 210 किमी की दूरी पर स्थित है | मंदिर का कपाट मई में अक्षय तृतीय को खुलता है और नवंबर-अक्टूबर तक बंद हो जाता है |

Shivangi rai is a research scholar in the field of mass media and mass communication. She loves to write articles/stories on social and cultural issues. Her writing skill is different because she chooses topics from the issues that affect everyone's life. She wants to aware people of her writing about the needful things like health issues, educational and cultural values. She believes that reading can change someone's life, so that writing should be in a manner that can be related to everyone's day to day lifestyle.

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